Thursday, 5 December 2019

Coppyright © कॉप्पीराइट एक्ट

भारतीय प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम, 1957

परिचय :

कापीराइट का अर्थ है किसी कृति के संबंध में किसी एक व्यक्ति, व्यक्तियों या संस्था का निश्चित अवधि के लिये अधिकार। मुद्रणकला का प्रचार होने के पूर्व किसी रचना या कलाकृति से किसी के आर्थिक लाभ उठाने का कोई प्रश्न नहीं था। इसलिये कापीराइट की बात उसके बाद ही उठी है। कापीराइट का उद्देश्य यह है कि रचनाकार, या कलाकार या वह व्यक्ति अथवा संस्था जिसे कलाकार या रचनाकार ने अधिकार प्रदान किया हो उस कलाकृति और रचना से निर्धारित अवधि तक आर्थिक लाभ उठा सके तथा दूसरा कोई इस बीच उससे उस रूप में लाभ न उठा पाए।

भारत में इस समय कापीराइट (प्रतिलिप्यधिकार या कृतिस्वाम्य) की जो व्यवस्था है वह 1957 के प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों द्वारा परिचालित होती है। इसके पूर्व भारत में 1914 में जो कापीराइट ऐक्ट बना था वह बहुत कुछ ब्रिटेन के ‘इंपीरियल कापीराइट ऐक्ट (1911)’ पर आधारित था। ब्रिटेन का यह कानून और उसके नियम, जो भारतीय स्वाधीनता अधिनियम के अनुच्छेद 18 (3) के अनुसार अनुकूलित कर लिए गए थे, 1957 तक चलते रहे। 1957 में नया कानून बनने पर पुराना कानून निरस्त हो गया।

Mr. Shankar Patel (JNVU JODHPUR)
www.journalismstudy.blogsopt.com

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